Less Water Gardening: बागवानी में अक्सर हम कबाड़ से जुगाड़ करते हैं। तो वहीं, अब वक्त आ गया है जब हम पानी बचाने के बारे में विचार करें। दरअसल दुनिया भर में पानी की कमी बढ़ती जा रही है। गर्मी के दिनों में शहरों में पानी की आपूर्ति करना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में लोग पानी की कमी के चलते गार्डनिंग के शौक को छोड़ देते हैं। लेकिन हमें बागवानी को छोड़ने की जगह एसी योजना पर काम करना है जिससे कम पानी में भी गार्डनिंग (Less Water Gardening) के शौक को पूरा किया जा सके।
इस लेख में हम कम पानी में गार्डनिंग का शौक पूरा करने वाली चैम्पियन पद्मिनी पांडे से जानेंगे कि कैसे बगीचे में पानी की बचत करें। साथ ही कम पानी में पौधों की जरूरत को कैसे पूरा करें। बता दें कि गुरुग्राम निवासी पद्मिनी पांडे 2017 से टेरेस गार्डनिंग कर रही हैं। उनके पास हजार से भी ज्यादा पौधे हैं।
क्यों जरूरी है गार्डन में पानी की बचत(Why is it important to save water in the garden?)
पद्मिनी पांडे बताती है कि वह अधिकतर ऐसे शहरों में रही हैं जहां पानी किल्लत होती है। ऐसे में पौधों की पानी की जरूरत को पूरा करना एक बड़ा टास्क होता है। बागवानी में जल संरक्षण एक महत्वपूर्ण कारक है। कई बार शहरों में पानी की सप्लाई नहीं आती है। बहुत ही कम पानी की आपूर्ति होती है। ऐसे में अगर आप गार्डन में हजारों पौधे रखेंगे तो पानी की जरूरत पूरी नहीं होगी। इसलिए हमें बागवानी में पानी की खपत को कम करने पर विचार करना चाहिए।
गार्डन में पानी बचाने के तरीके(Ways to save water in the garden)
- रसोई और बाथरूम से बचने वाले वाले पानी का प्रयोग करें।
- गतिमान ग्रीन नेट लगाएं।
- पानी की खपत के अनुसार पौधों की प्लेसमेंट करें।
- पौधों के बीच में वाटर प्लांट्स रखें।
- बेकार पानी में दरियों को भिगोकर गार्डन में रखें।
- मिट्टी की मल्चिंग करें।
- कम पानी में जीवित रहने वाले पौधे लगाएं।
- बड़े गमले में छोटे गमलों को रखें।
घर का बेकार पानी करें प्रयोग (Recycle Household Water)
पद्मिनी पांडे ने बताया कि गार्डनिंग में पानी की बचत करने के लिए घर व रसोई से बचने वाले पानी का प्रयोग करना सबसे अच्छा विकल्प है। इसमें एसी(AC), आरो (RO) से निकलने वाला पानी शामिल है। इस पानी को फेंकने की जगह पौधों में डालें। साथ ही रसोई में सब्जियां, दाल, चावल को धोने के बाद बचने वाले पानी को गार्डन में प्रयोग करें। यह पौधों के लिए बेहद उपयोगी है। क्योंकि इस पानी में पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ जाती है। इस पानी का उपयोग कर आप पानी संरक्षण में याेगदान दे सकते हैं। पद्मिनी रसोई से निकलने वाले सारे पानी को गार्डन में इस्तेमाल करती हैं।
ग्रीन नेट का प्रयोग करें(use Movable Green net)
गर्मियों के दिनों में ग्रीन नेट जरूर लगाएं। पद्मिनी पांडे ने बताया कि वह 90 फीसदी ग्रीन नेट प्रयोग करती हैं। साथ ही उनका मानना है कि गतिमान यानि movable green net का प्रयोग करें। इससे सुबह शाम आप ग्रीन नेट को हटा सकेंगे और दोपहर के समय लगा देंगे।
पौधों का प्लेसमेंट(Plant Placement)
गार्डन में पौधों की सही जगह भी पानी बचाने का काम करती है। पानी की एक जैसी जरूरत वाले पौधों को एक साथ लगाएं। ताकि सभी को समान मात्रा में पानी लगाया जाए। उदाहरण के तौर पर जैड प्लांट को ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती है। इसके गुड़हल आदि पौधों के पास न रखें। क्योकि हम गुड़हल में अधिक पानी लगाते हैं। कम पानी वाले पौधों को एक तरफ व अधिक पानी की खपत वालों को दूसरी तरफ रखें।
पौधों के बीच में रखें वाटर प्लांट(Place water plants among the plants)
पद्मिनी पांडे का कहना है कि गार्डन में पौधों के बीच में वाटर प्लांट्स को रखें। पानी वाले पौधों की वजह से आसपास नमी बनी रहती है। जिससे आसपास का तापमान में कमी आती है। इससे पौधों में पानी की खपत को कुछ हद तक कम किया जा सकता है। इसके साथ ही जब आपके घर पानी बिल्कुल खत्म हो गया है तो इन वाटर प्लांट्स से थोड़ा पानी उधार लिया जा सकता है। उनके प्लांट्स के हर एक ग्रुप में वाटर प्लांट्स जरूर रखे गए हैं।
दरियों को बेकार पानी से भिगोकर रखें
गार्डन के तापमान को कम करने के लिए घर में रखी बोरियों या दरियों को गार्डन में भिगोकर डालें। इन्हें भिगानें के वेस्ट वाटर का ही प्रयोग करें। इसके लिए कपड़े धोने के बाद बचे पानी का प्रयोग करें। पानी में भीगी हुई दरिया तापमान को कम करने का काम करेगी।
मल्चिंग करें(mulching)
गार्डन में पानी की बचत के लिए मल्चिंग अच्छा विकल्प है। इसके लिए सूखे पत्तों या ग्रीन कम्पोस्ट का प्रयोग करें। इससे गमले का पानी जल्दी नहीं सूखता है। मिट्टी में लंबे समय तक नमी बनी रहती है। इसके लिए नीम के पत्तों की मल्चिंग करना सबसे उत्तम होता है। इससे पौधे में पोष्टिकता भी पहुंचती है।
कम पानी में जीवित रहने वाले पौधे लगाएं(plants that can survive in less water)
पद्मिनी का कहना है कि अगर किसी के यहां पानी की बेहद कमी है तो भी गार्डन के शौक को पूरा किया जा सकता है। इस स्थिति में ऐसे पौधों का चयन करें जिन्हें पानी की कम जरूरत होती है। इसमें स्नेक प्लांट, अपराजिता, जेड प्लांट, रबर प्लांट व सक्यूलेंट वैरायटी व कैक्टस प्लांट्स लगाए जा सकते हैं।
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