Grow lobia- घर में थोड़ी सी जगह है और कुछ सब्जियां उगाना चाह रहे हैं, तो लोबिया अच्छी च्वाइंस है। आप अपने छोटे से किचिन गार्डन में लोबिया बहुत आसान तरीके से लगा सकते हैं। ये काफी गुणों से भरपूर होता है। इसमें विटामिनस, मिनरल्स पाए जाते हैं। स्वास्थ्य के लिहाज से ये सब्जी बेस्ट है। इसको टेरेस पर, बालकनी में ये घर में मौजूद छोटी सी जगह में उगाया जा सकता है। इस लेख में जानते है कि आपको लोबिया कैसे उगाना है।
लोबिया उगाने का सही समय (Right time to grow cowpea)
लोबिया आप गर्मी में आसानी से होम गार्डन में उगा सकते हैं। इसको उगाने के लिए ज्यादा मेहनत की जरुरत नहीं होती है। रबी और खरीफ दोनों मौसम में ये उगाई जा सकती है। वैसे ज्यादातर लोग इसको फरवरी या अप्रैल में लगाते हैं। हालांकि ये गर्मी में आसानी से ग्रो हो जाती है। आप इसके बीजों को लगा सकते हैं।
लोबिया के लिए ग्रो बैग का चुनाव (Selection of grow bag for cowpea)
कोई भी पौधा लगाने से पहले ग्रो बैग पर विचार करना महत्वपूर्ण है। आपको पौधे के आकार के अनुसार ग्रो बैग का चुनाव करना है। लोबिया उगाने के लिए आप 18 इंच चौड़ा गमला ले सकते हैं। इससे बड़ा भी ग्रो बैग चुन सकते हैं। आप यहां पर अपनी सुविधा अनुसार ग्रो बैग का चुनाव कर सकते हैं।
लोबिया उगाने के लिए मिट्टी तैयार (Soil ready for growing cowpea)
मिट्टी पौधे की ग्रोथ के लिए अहम कड़ी है। आपको अपना पूरा ध्यान मिट्टी तैयार करते समय लगाना है। आपको अच्छी पैदावार चाहिए तो दोमद मिट्टी इसके लिए उपयुक्त है। आप भारी, रेतीली या अन्य मिट्टी में भी लोबिया लगा सकते हैं। मिट्टी अच्छी जलनिकासी वाली हो। इसमें जैविक पदार्थों की मात्रा आपको बढ़ानी है। आप गोबर की खाद इसमें डाल सकते हैं।
लोबिया के बीज उगाएं (grow cowpea seeds)
आप किसी बीजों की दुकान से लोबिया के अच्छे बीज लाएं। बीजों की किस्म अच्छी होगी, तो पैदावार भी अच्छी होगी। आपको बीज उगाने से पहले बीजउपचार करना है। बुआई से पहले आप 12 से 24 घंटे के लिए हल्दी के पानी में इनको भिगोकर छोड़ें। उसके बाद तैयार मिट्टी में 3-4 सेंटीमीटर गहरे और 10-15 सेंटीमीटर की दूरी पर लोबिया के बीज बोएं।
सिंचाई (irrigation)
इसको पानी की जरुरत होती है। आपको नियमित रुप से इनमें पानी डालें। बीज वाले ग्रो बैग में नमी बनाएं रखें। हालाकिं जलभराव आपको नहीं होने देना है। जब लगे की मिट्टी सूख रही है, तो तुरंत पानी डालें। आपको जरुरत के हिसाब से लोबिया के पौधों में पानी डालना है।
कीटों और बीमारी से रोकथाम (Pest and disease prevention)
लोबिया पर ज्यादातर माहू, थ्रिप्स और सेम फली छेदक जैसे कीट बसेरा करते हैं। आप नीम ऑयल का छिड़काव करें। अन्य होममेड उपायों से भी इनको नियंत्रित किया जा सकता है। इसके अलावा लोबिया पर फली गलन, पत्ती धब्बा और जड़ गलन जैसे रोग हो सकते हैं। इन रोगों से बचाव के लिए बीजों का उपचार करें और स्वच्छता का ध्यान रखें।
खरपतवारों को नियंत्रित करें (control weeds)
किसी भी पौधे को खरपतवार बढ़ने नहीं देती है। अगर आपके लोबिया के पौधों के पास खरपतवार उग गई हैं, तो इनको नियंत्रित करें। आप इनको ग्रो बैग से हटा दें। आप सफेद सिरके का छिड़काव खरपतवार पर करें। ध्यान रहें ये पौधों पर नहीं छिड़कना है। खरपतवार आपके पौधों तक पोषक तत्व नहीं पहुंचने देती है।
लोबिया में खाद (fertilizer in cowpea)
आमतौर पर जब लोग बड़े स्तर पर इसकी खेती करते हैं, तो यूरिया का प्रयोग करते हैं। आप किचिन गार्डन में ये उगा रहे हैं, तो ऑर्गेनिक हमको लेना है। इसलिए आप इसमें जैविक खाद का इस्तेमाल करें। आप पूरानी गोबर की खाद, वर्मीकंपोस्ट, किचिन कंपोस्ट आदि इसमें मिलाएं। 15 से 20 दिन के अंतराल में आप इसको खाद दें।ध्यान रहें पौधे की गुड़ाई करते रहें।
हार्वेस्टिंग के समय बरतें सावधानी (Be careful while harvesting)
लोबिया की फली दो महीने में तैयार हो जाती है। इनको हरी ही तोड़ा जाता है। आपको सूखानी है, तो इनको तोड़कर छाया में रख दें। कई प्रकार के व्यंजन बनाने में लोबिया का प्रयोग होता है। ये काफी पौष्टिक होता है। इसको सलाद के रुप में, दाल में या सब्जी के रुप में खाया जा सकता है।
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