Fertile soil-आजकल लोग कैमिकल युक्त खादों का प्रयोग कर रहे हैं। इससे नुकसान जमीन को होता है। धीरे-धीरे मिट्टी अपनी उपजाऊ शक्ति खो रही है। आमतौर पर अच्छी पैदावार के लिए मिट्टी में चार प्रतिशत कार्बनिक पदार्थों का होना जरुरी है। लेकिन आज मिट्टी में 2 प्रतिशत कार्बनिक पदार्थ रह गए हैं। मिट्टी की सेहत के लिहाज से ये काफी बुरे संकेत हैं।
मिट्टी की उपजाऊ शक्ति बढ़ाने का तरीका(Way to increase soil fertility)
अगर आप खेती कर रहे हैं या घर में ही गार्डनिंग कर रहे हैं, तो मिट्टी का उपजाऊ होना बहुत जरुरी है। मिट्टी में कार्बनिक पदार्थों की मात्रा सही नहीं होगी तो फसल और बागवानी दोनों को नुकसान होगा। इसके लिए जरुरी है कि आप मिट्टी को पहले उपजाऊ बनाएं। घर पर सब्जियों और फलों की पैदावार लेने के लिए भी आपको काम मिट्टी पर करना होगा। नीचे कुछ तरीके बताए गए हैं, जिससे आप मिट्टी की उर्वरा शक्ति को बढ़ा सकते हैं।
नाइट्रोजन की मात्रा मिट्टी में बढ़ाएं(Increase the amount of nitrogen in the soil)
जमीन में नाइट्रोजन, सल्फर और मैग्नीशियम फसल का उत्पादन बढ़ाने में सहायक होते हैं। अगर नाइट्रोजन पौधों को सही मिलेगा तो उत्पादन बढ़ेगा। किसानों को ढैंचे की बुवाई हर साल करनी चाहिए। जो लोग गार्डनिंग कर रहे हैं, उन्हें नाइट्रोजन युक्त खाद तैयार करनी चाहिए। चायपत्ती और किचिन वेस्ट से कंपोस्ट तैयार कर आप हाउसप्लांट्स को दें।
गोबर की खाद या जैविक खाद का इस्तेमाल करें(Use cow dung manure or organic fertilizer)
मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ें इसके लिए कैमिकल युक्त खादों की बजाय जैविक खादों का चुनाव करना है। आप जहां तक संभव हो गोबर की खाद का इस्तेमाल करें। कंपोस्ट या वर्मीकंपोस्ट को पौधों और फसलों के लिए चुनें। उत्पादन ज्यादा लेना है, तो गोबर की खाद और अन्य जैविक खादों का प्रयोग करें।
गौमूत्र का करें प्रयोग(use cow urine)
आजकल लोग गौमूत्र यानि गाय के मूत्र का प्रयोग मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए कर रहे हैं। गोमूत्र में नाइट्रोजन, गंधक, अमोनिया, कॉपर, यूरिया, यूरिक एसिड, फास्फेट, सोडियम, पोटैशियम, मैगनीज, कार्बोलिक एसिड जैसे तत्व पाए जाते हैं। ये कीटनाशक के रुप में बहुत अच्छा काम करता है। इससे जीवामृत, बीजामृत भी बनाया जा सकता है जिससे जमीन उपजाऊ होती है।
मिट्टी की उपजाऊ क्षमता कम होने के लक्षण(Symptoms of reduced soil fertility)
- मिट्टी में जलधारण की क्षमता कम हो रही है।
- रासायनिक खादों के इस्तेमाल से कार्बनिक पदार्थों की मात्रा मिट्टी में कम हो रही है।
- फसल या गार्डन में सब्जिया, फल और फूलों का उत्पादन कम होने लगा है।
- पौधों का फैलाव कम होने लगा है।
- अचानक मौसम परिवर्तन पौधे सहन नहीं कर पाते हैं।
- बारिश और तेज हवा से फसल या पौधे गिरने लगते हैं।
वीडियो में जाने गार्डन के लिए मिट्टी तैयार करने का तरीका-
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