Colorful Capsicum: किचिन गार्डनिंग के शौकीन महंगाई और बीमारी की मार से बच रहे हैं। अपने गार्डन से ही वे इतनी सब्जियां ले सकते हैं कि उन्हें बाजार से खरीदने की जरूरत नहीं पड़ती है। गार्डन में ऑर्गेनिक तरीके से सब्जियां उगाई जाती है जो तमाम बीमारियों से हमें बचाते हैं। अब तक लोग अपने गार्डन में सिर्फ धनिया, मिर्च, टमाटर, बैंगन लगा पाते थे। लेकिन अब लोगों के किचन गार्डन में लौकी, तोरई, गोभी, कॉर्न जैसी सब्जियां भी उगाई जा रही है। जिसमें कलरफुल शिमला मिर्च रंगों का तड़का लगाने का काम कर सकती है। किचिन गार्डन में ऑर्गेनिक शिमला मिर्च उगाना काफी आसान है। इसमें आप लाल, हरी, पीली शिमला मिर्च उगा सकते हैं।
इस लेख में हम आपको गार्डन में कलरफुल शिमला मिर्च उगाने का तरीका बताएंगे। इसमें बताएंगे कि आप अपने गार्डन में कितने रंगों की शिमला मिर्च उगा सकते हैं। शिमला मिर्च के फायदे क्या-क्या हैं।
घर पर उगाएं चार रंगों की शिमला मिर्च
शिमला मिर्च की खासियत है कि यह विभिन्न रंगों में आती है। हर रंग की शिमला मिर्च में अलग पोष्टिक तत्व होते हैं। आप गार्डन में आसानी से उगने वाली शिमला मिर्च की तलाश कर रहे हैं तो आप हरी, लाल, पीली और बैंगनी शिमला मिर्च उगा सकते हैं।
- हरी शिमला मिर्च- हरी शिमला मिर्च में कैलरी ना के बराबर होती है। इसमें विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन के, फाइबर, कैरोटीनॉइड्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इन्हें आसानी से उगा सकते हैं।
- लाल शिमला मिर्च – लाल शिमला मिर्च में आंखों के लिए फायदेमंद होता है। इसमें ल्यूटिन और जेक्सैन्थिन कैरोटीनॉयड होते हैं। ये रेटिना को किसी भी समस्या से बचाते हैं। लाल शिमला मिर्च में एंटीऑक्सीडेंट अच्छे होते हैं। अन्य शिमला मिर्च के मुकाबले विटामिन सी भी अधिक होता है।
- पीली शिमला मिर्च – विटामिन सी का अच्छा स्त्रोत है। आंखों की रोशनी के लिए अच्छी होती हैं। इसमें फोलेट, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस , कॉपर, कार्बोहाइड्रेट्स, कैल्शियम, पोटैशियम आदि भी होते हैं।
- बैंगनी शिमला मिर्च – यह लोगों के यहां काफी कम पायी जाती है। इसमें एंथोसाइंनिन नामक एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। यह विटामिन ए का स्रोत हैं।
शिमला मिर्च उगाने का तरीका
शिमला मिचर्व उगाने का सबसे अच्छा समय फरवरी से मार्च और सितंबर से अक्टूबर के बीच होता है। इसके लिए आप बाजार से हाइब्रिड बीज खरीदें। उच्च गुणवत्ता का बीज जल्दी फल देना शुरू करता है।
- गमला करें तैयार- शिमला मिर्च उगाने के लिए सबसे पहले 10 से 12 इंच का गमला लें। इसके लिए आप ग्रो बैग या प्लास्टिक बाल्टी, ड्रम ले सकते हैं।
- मिट्टी करें तैयार– शिमला मिर्च के लिए हमें रेतीली मिट्टी तैयार करनी है। अच्छी जलनिकासी वाली मिट्टी तैयार करें। गार्डन सॉइल में 30 फीसदी किचिन कम्पोस्ट या गोबर खाद डालें। साथ ही नीम खली का उपयोग जरूर करें।
- बीजों की बुवाई– गमले में आधा इंच गहराई में बीजों काे बाेएं। पौधे से पौधे की दूरी 5 से 7 इंच की रखें। मिट्टी में नमी बनाकर रखें। बीज 7 से 15 दिनों में अंकुरित हो जाएगा।
- धूप में रखें प्लांट– यह सूरज प्रेमी पौधा होता है। इसे कम से कम 6 घंटे की धूप चाहिए। घर में जिस जगह धूप आती है वहां रखें।
- खाद- शिमला मिर्च के पाैधों में महीने में एक बार गोबर की खाद या वर्मीकम्पोस्ट डालें। इसमें आप संतुलित NPK का उपयोग कर सकते हैं। हमेशा जैविक खाद ही डालें।
- देखभाल- पौधों को हमेशा निगरानी में रखें। धूप में रहने की वजह से इन्हें पानी की अधिक जरूरत होती है। पत्तों पर कीटों का अटैक देखती ही नीम ऑइल का छिड़काव करें।
उत्पादन में समय
शिमला मिर्च के उत्पादन में अधिक समय नहीं लगता है। मात्र दो से ढाई महीने में ही शिमला मिर्च पर फल आना शुरू हो जाता है। आप इन्हें तोड़ सकते हैं। शिमला मिर्च काे सलाद के तौर पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है। आप अपने घर में अगर 5 पौधे लगाते हैं तो पूरे घर की जरूरत को पूरा करते रहेंगे।
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