Garden misting: दिनों दिन तापमान बढ़ रहा है। बढ़ती गर्मी ने पौधों को परेशान करना शुरू कर दिया है। वहीं गार्डनर के सामने भी अपने पौधों को जिंदा रखना एक बड़ी चुनौती बन गई है। गर्मी के दिनों में पौधों की पानी की जरूरत को पूरा करना भी टास्क है। ऐसे में गार्डन मिस्टिंग प्रणाली(Garden misting) गार्डनर व पौधों की मदद कर सकती है। इस प्रणाली के माध्यम से गार्डन के तापमान में 5 से 7 डिग्री तक कमी की जा सकती है।
इस लेख में हम आपको गार्डन मिस्टिंग प्रणाली (Garden misting and fogging system) की जानकारी देंगे। इसमें हमारी मदद करेंगे गार्डनिंग एक्सपर्ट दिग्विजय। दिग्विजय पिछले 10 सालों से अपनी छत पर किचिन गार्डनिंग कर रहे हैं। गार्डन के तापमान को कम करने के लिए फोगर का इस्तेमाल करते हैं। दिग्विजय हमें बताएंगे कि किस तरह मिस्टिंग के माध्यम से गार्डन का तापमान कम किया जा सकता है। फोगर किस तरह काम करता है। फोगिंग के माध्यम से पानी की कितनी खपत होती है।
क्या है गार्डन मिस्टिंग प्रणाली(What is garden misting system?)
गार्डनिंग एक्सपर्ट दिग्विजय बताते हैं कि गार्डन में मिस्टिंग सिस्टम(Garden misting system) के माध्यम से पानी को हवा में छिड़का जाता है। वास्तम में इस सिस्टम में पानी की बेहद बारीक बूंदों को हवा में छोड़ा जाता है। यह पानी की बूंदें 10 माइक्रोन से कम व्यास की होती है। यह मिस्टिंग सिस्टम पाइप, नोजल और एक पंप से बना होता है। पाइप को गार्डन में जगह-जगह फिट किया जाता है। नोजल पानी को बगीचे में पतली बूंदों फेंकने का काम करते हैं। नोजल पानी को बारीक बूंदों में बदलता है। यह इतनी बारीक बूंदें होती है कि गार्डन में कोहरे जैसी स्थिति बनाती हैं।
गार्डन में मिस्टिंग सिस्टम के फायदे(Benefits of misting system)
- तापमान में कमी: मिस्टिंग के माध्यम से हवा में छिड़की गई बारीक बूंदें वाष्पित होकर गर्मी को सोख लेती हैं। इससे तापमान नियंत्रित होता है। गार्डनिंग एक्सपर्ट दिग्विजय का कहना है कि यह 5 से 7 डिग्री तक तापमान कम कर देते हैं।
- नमी बढ़ाए: मिस्टिंग सिस्टम पौधों को सूखने से बचाता है। इससे हवा में नमी बनी रहती है। यह सभी पौधों के लिए फायदेमंद है।
- धूल नियंत्रण: पानी की बारीक बूंदें धूल के कणों हवा से हटाने का काम करती हैं। यह मेट्रो सिटीज में प्रदूषण के स्तर को भी कम करती है।
- कीटों पर नियंत्रण: यह प्रणाली कीटनाशक के छिड़काव में मदद करती है। आसानी से पानी में नीम ऑइल मिलाकर इसके माध्यम से स्प्रे किया जा सकता है।
- पानी की बचत: मिस्टिंग सिस्टम से पानी की बचत होती है। वातावरण में नमी बढ़ने से पौधों को अधिक पानी की जरूरत नहीं होती। इस प्रणाली में भी काफी कम पानी खर्च होता है।
- हरियाली बढ़ाए: गार्डन में मिस्टिंग सिस्टम लगे होने से पौधों को फायदा पहुंचता है। यह पौधों को ठंडा रखने, नमी बढ़ाने और धूल को कम करता है। जिससे पौधे तेजी से ग्रोथ पकड़ते हैं व हमेशा हरे भरे रहते हैं।
किन बातों का रखें ध्यान(What things to keep in mind)
जब भी गार्डन में मिस्टिंग सिस्टम लगाया जाए तो कुछ बातों का जरूर ध्यान रखें। गार्डन की लम्बाई चौड़ाई के अनुसार ही मिस्टिंग सिस्टम खरीदें। अधिक नोजल न लगाएं। जितनी दूरी तक एक नोजल पानी फेंकता है उसकी दूरी पर ही दूसरा लगाएं। एक 200 स्क्वाइर फीट के गार्डन में चार नोजल ही लगाने चाहिए। अगर नोजल के बारीक छेद बंद हो गए हैं तो खोल कर साफ करें। महीने भर में नोजल साफ करते रहें। अधिक कीटनाशक का प्रयोग न करें।
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