Kids Garden: घर पर तैयार करें बच्चों का स्पेशल गार्डन, फायदे कर देंगे हैरान

Kids Garden: क्या आपने कभी बच्चों के गार्डन के बारे में विचार किया है। अगर नहीं, तो सोचिए क्योंकि बच्चों का गार्डन ऐसी जगह है जहां बच्चां ग्रो होने के महत्व को समझता है, मिट्‌टी से जुड़ता है, शारीरिक परिश्रम करता है। सिर्फ इतना ही नहीं गार्डन में बच्चों काे जिम्मदारी का अहसास होता है। साथ ही फल पकने या सब्जी मिलने उपलब्धि को महसूस किया जाता है। 

आपके लिए गार्डन आपको उपलब्धि के तौर पर फल या सब्जियां देता है। मानसिक शांति देता है। लेकिन बच्चों को गार्डनिंग उससे भी कई अधिक देती है। ऐसे में आपको बच्चों के गार्डन के बारे में विचार करना चाहिए। 

 बच्चों की गार्डनिंग में रुचि कैसे दिलाएं

  • बच्चों की गार्डनिंग की शुरूआत में उन्हें अपने गार्डन में बुलाना चाहिए। हर दिन 10 मिनट उन्हें गार्डन में बुलाएं। 
  • बच्चों को अपने गार्डन की सब्जियां या फलों को दिखाएं। 
  • उन्हें सब्जियों और फलों के पौधों की जानकारी दें। 
  • बच्चों को कुछ गमलों में गुड़ाई करने का मौका दें। 
  • अब बच्चों को पाैधों को पानी देना सिखाएं। 
  • अब बच्चों को मिट्‌टी की जानकारी दें। 
  • उन्हें हर दिन बढ़ते फल और उनके बदलते रंग को दिखाएं। 
  • बच्चों से सब्जियों व फलों की हार्वेस्टिंग कराएं। 
  • किसी भी अगले सीजन में बच्चों को बीज बोने दें। 
  • जब पौधा अंकुरित हो जाए ताे उस पौधे को बच्चे का नाम दें। व बच्चे को उस पौधे का पेरेंट बना दें। 
  • धीरे-धीरे बच्चों को कई पौधे दे दें। 
  • अब बच्चों के लिए अपने गार्डन का एक हिस्सा दें। जिसमें वे अपने पौधे रखें। 

बच्चों का गार्डन कैसे बनाएं

जब बच्चा गार्डनिंग में रुचि लेने लगे तो यही सही वक्त है जब आपको उनके लिए गार्डन बनाने का विचार करना चाहिए। इसके लिए सबसे पहले बच्चों के लिए अट्रेक्टिव दिखने वाले गमले लेकर आएं। उन पर कलरिंग व डिजाइनिंग करें। आसानी से फलने फूलने वाले पौधे लगाएं। जिसमें टमाटर का पौधा, मिर्च का पौधा, बैंगन, पालक या धनिया शामिल करें। क्योंकि ये किचिन गार्डन में आसानी से उगने वाल सब्जियां हैं। उन्हें अच्छी धूप वाला कोना दें। हर एक बच्चे को कम से कम 5 गमलों की जिम्मेदारी दें। समय पर पानी देने व खाद देने के लिए पाबंद करें। हर दिन गार्डन से नई सीख भी दें। 

किन बातों का रखें ध्यान

  1. बच्चों के लिए नजदीक में पानी की व्यवस्था करें। 
  2. तेज धार वाली खुरपी न दें।
  3. बच्चों को महंगे पौधे न दें।
  4. अधिक देखभाल वाले पौधे देने से बचें।
  5. जब बच्चे पढ़ाई में व्यस्त हैं तो उनके गार्डनिंग की निगरानी करें व चीजों को ठीक करें। 
  6. पौधे पर फल नहीं आने की स्थिति में बच्चों का मनोबल बढ़ाएं। 

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