Rice water: चावल के पानी के 4 राज, जो पौधों को बना देंगे हरा भरा

Rice water: कोई भी गार्डनर अपने बगीचे को खूबसूरत बनाने के प्रयास करता है। सभी की कोशिश होती है कि वे सस्ते, अच्छे और ऑर्गेनिक तरीके से अपने गार्डन काे विकसित करें। इसी कड़ी में बहुत से गार्डनर गमलों के तौर पर बाल्टी, खाने के डब्बे, पेंट के डब्बे आदि का प्रयोग करते हैं। वहीं ऑर्गेनिक खाद के तौर पर अंडे के छिलके, केले के छिलके, पत्ती खाद, किचिन कम्पोस्ट को तैयार किया जाता है। लेकिन क्या आपने अपने गार्डन में चावल का पानी इस्तेमाल करने का विचार किया है।

बागवानी के कई अध्ययनों में यह साबित हो चुका है कि पौधों के लिए चावल का पानी अभी तक के सबसे उपयोगी प्राकृतिक उर्वरकों में से एक है। चावल के पानी में 4 ऐसे राज छिपे हैं जो पौधों को हमेशा हरा भरा रखेंगे।  खास बात है कि हर किसी के घर में उपलब्ध होता है। इस लेख में हम आपको पौधों में चावल के पानी का उपयोग, चावल का पानी बनाने का तरीका, प्रयोग करने का तरीका बताएंगे। 

पौधों में चावल के पानी के फायदे(Benefits of rice water in plants)

  1.  पोषक तत्वों से भरपूर: चावल का पानी कार्बोहाइड्रेट, जस्ता, लोहा, सल्फर, विटामिन और खनिजों से भरपूर होता है। इसमें नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम शामिल हैं। ये सभी पोषक तत्व पौधों के विकास के लिए आवश्यक हैं।
  2.  मिट्टी में सुधार: चावल का पानी पौधों में डालने से मिट्टी में लाभकारी सूक्ष्मजीवों की वृद्धि होती है। इससे मिट्‌टी में सुधार होता है। मिट्टी की उर्वरता शक्ति बढ़ती है।
  3. कीटों से बचाए: चावल के पानी में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। ये एंटीऑक्सीडेंट पौधों को रोगों और कीटों से बचाने में मदद करते हैं। साथ ही कीटों को चावल के पानी की गंध पसंद नहीं आती है। यह insecticide का काम करता है। 
  4. जड़ों को मजबूती दे: चावल का पानी पौधों की जड़ों को जरूरी पोषक तत्व देकर मजबूती देता है। 

कैसे बनाएं चावल का पानी(How to make rice water)

पौधों के लिए चावल का पानी आसानी से तैयार होता है।  जब चावलों को पानी से साफ किया जाता है तो हम इस पानी को फेंक देते हैं। यही पानी बेहद उपयोगी हे। दरअसल पानी से चावलों को धोने से स्टार्च सहित अन्य पोषकतत्व निकल जाते हैं। हमें इसी पानी को पौधों को देना है।

अगर हम इस पानी को प्रिजर्व करके रखते हैं तो यह इनसेक्टिसाइट का काम करता है। इसके साथ ही बने हुए चावल का पानी भी पौधों में प्रयोग में ले सकते हैं। साथ ही अगर आपके चावल खाने के बाद भी बच गए हैं तो इन्हें भी पानी में डालकर प्रिजर्व करें। कुछ ही दिनों में किण्वन की क्रिया से हेल्दी पानी तैयार हो जाएगा। इसे छानकर पौधों में दें। 

पौधों में कितनी बार दें चावल का पानी(How often to water rice plants?)

पौधों में चावल का पानी बहुत फायदा करता है।  इससे पत्तियों के जलने जैसी आम समस्याएं भी नहीं होंगी। लेकिन हर दिन चावल का पानी देना भी नुकसानदायक साबित हाे सकता है। क्योंकि इससे मिट्‌टी में स्टार्च जमने की सम्भावना है। यह मिट्‌टी में उपयोगी सूक्ष्मजीवों को बढ़ाता है। लेकिन स्टार्च के जमने पर बैक्टीरिया आदि के आने की संभावना है। इसलिए सीमित मात्रा में पानी दें। अगर प्रिजर्व किया हुआ पानी है तो महीने में दो बार दें। चावल को धोने के बाद वाला पानी दो दिन के अंतराल पर देते रहें। 

कीटनाशक का करता है काम(works as insecticide)

चावल का पानी कीटनाशक का काम भी करता है। हालांकि इसके लिए हमें किण्वन(fermentation) कराना होगा। इसके लिए हम बचे हुए चावल या चावल के पानी को एक प्लास्टिक की बाल्टी में जमा करते रहें। इसे दो दिन के अंतराल पर चलाते रहें। 15 दिनों में देसी और अच्छा कीटनाशक(insectiside) तैयार हो जाएगा। हालांकि ध्यान रखें कि इसमें से काफी तेज गंध आती है। यही गंध पौधों पर लगने वाले कीटों को बिल्कुल पसंद नहीं है। पेस्ट अटैक होने पर इसका छिड़काव कर सकते हैं। अन्यथा एक महीने में पौधों में डालते रहें। यह अच्छी खाद का काम करता है। 

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