Weightless potting mix: एक सफल गार्डनिंग के लिए मिट्टी का स्वस्थ होना जरूरी है। वहीं टेरेस गार्डनिंग के लिए मिट्टी के हेल्दी के साथ हल्की होना भी जरूरी है। दरअसल शहरों में बागवानी के शौक को पूरा करने का सबसे बेहतरीन जरिया है टेरेस गार्डनिंग। लेकिन टेरेस गार्डनिंग देखने में जितनी खूबसूरत है उतनी है चैलेंजिंग भी है। अच्छी टेरेस गार्डनिंग के लिए अच्छी मिट्टी का तैयार करना जरूरी है। क्योंकि हम छत पर बहुत अधिक वजन नहीं बढ़ा सकते इसलिए मिट्टी का गुणवत्ता पूर्ण होने के साथ ही वजन में हल्का(Weightless potting mix) होना जरूरी है।
इस लेख में हमें गार्डनिंग एक्सपर्ट दिग्विजय आपको गमलों के लिए हल्की मिट्टी तैयार करने का तरीका बताएंगे। इस तरीके से मिट्टी की गुणवत्ता पर कोई असर नहीं पड़ेगा। बल्कि मिट्टी के गुण और अधिक बढ़ जाएंगे। साथ ही इस मिट्टी को काफी किफायदी दर पर तैयार किया जा सकता है। यानि आज हम सीखेंगे हल्की, हेल्दी और सस्ती मिट्टी तैयार करने का तरीका।
कैसी होनी चाहिए गमलों की मिट्टी(What should be the soil in pots?)
गार्डनिंग एक्सपर्ट दिग्विजय पिछले 10 सालों से छत पर बागवानी कर रहे हैं। उनकी छत पर हजारों की संख्या में पौधे लगे हुए हैं। उनकी छत पर सब्जी, फूलों व फलों के पौधे हैं। उनका मानना है कि छत के लिए मिट्टी का हल्का होना जरूरी है। हल्की मिट्टी(lightweight soil) उपजाऊ भी होनी चाहिए। हमें मिट्टी को इतना स्वस्थ बनाना चाहिए कि पौधा एक गमले की सामित मिट्टी में ग्रो कर सके। इसमें नाइट्रोजन, पॉटेशियम और फास्फोरस भरपूर होने के साथ ही सूक्ष्म पोषक तत्वों की मात्रा भी पूरी हो।
गमले के लिए हल्की और हेल्दी मिट्टी बनाने की सामग्री(Ingredients for making light and healthy soil for pots)
क्या क्या चाहिए:
- गार्डन की मिट्टी(gardening soil)
- चावल की भुसी (rice husk)
- किचिन कम्पोस्ट (kitchen compost)
- नारियल का छिलका(coconut peel)
- गोबर के उपले( cow dung cake)
- नीम खली(neem cake)
- कोकोपीट(cocopeat)
- थर्माकॉल(thermocall)
गमले के लिए हल्की मिट्टी बनाने की प्रक्रिया(Process of making light soil for pots)
टेरेस गार्डनिंग एक्सपर्ट दिग्विजय के अनुसार हम 10 से 12 इंच के गमले की मिट्टी तैयार करेंगे।
- गमले में सबसे नीचे थर्माकॉल के टुकड़े डालें। कम से 2 से 4 इंच की ऊंचाई तक थर्माकाॅल के टुकड़े डालें। यह गमले को भरने का काम करते हैं। जड़ें नीचे तक अच्छे से फैल सकती हैं।
- इसके बाद नारियल के छिलकों को गमले में डालें। यह जलनिकासी काे भी बेहतर बनाएगा।
- अब इसके बाद एक उपले के टुकड़े डालें।
- अब गार्डनिंग सॉइल, किचिन कम्पोस्ट, कोकोपीट, पत्ती खाद, चावल की भुसी को बारबर मात्रा में मिलाएं। इस पॉटिंग मिक्स को गमले में भर दें। कोकोपीट नहीं है तो इसके बिना भी मिट्टी तैयार कर सकते हैं।
- इस मिट्टी में एक से दो मुट्ठी नीम खली डालें। ताकि पौधे को संक्रमण से बचाया जा सके।
- अब 10 से 12 इंच के गमला मिट्टी से भरकर तैयार है। यह वजन में काफी हल्का होता है लेकिन गुणों में काफी भारी होता है। इसमें किसी भी तरह का पौधा लगाएं।
- अगर गमले को इससे भी अधिक हल्का बनाना है तो गार्डन के सूखे पत्तों को भी डाल सकते हैं।
नहीं पड़ेगी खाद और माली की जरूरत(no need of fertilizer and gardener)
गार्डनिंग एक्सपर्ट का कहना है कि अगर प्रत्येक गमले की मिट्टी इसी तरीके से तैयार करते हैं तो कभी भी गमलों में रासायनिक खाद देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसमें समय-समय पर आर्गेनिक खाद डालते रहें। मिट्टी में मिलाई गई चीजों से ही पौधों को सभी पोषक तत्व मिल जाएंगे। इसके साथ ही इस मिट्टी में लगाए गए पौधों को अधिक केयर की जरूरत नहीं पडती है। ऐसे में आपको माली रखने की जरूरत भी नहीं होगी। इस तरह तैयार की गई मिट्टी को बहुत कम गुड़ाई की जरूरत होती है।
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