No till gardening: अब गार्डन में नहीं पड़ेगी गुड़ाई की जरूरत

No till gardening: गार्डनिंग में गुड़ाई करना मुख्य प्रक्रिया में से एक है। गुड़ाई के जरिए पौधों की ग्रोथ पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, मिट्‌टी में पोष्टिकता बनी रहती है। साथ ही खरपतबार भी खत्म होती रही है। लेकिन  इस प्रक्रिया में काफी समय खर्च होता है। वहीं आज इस लेख में हम आपको बिना गुड़ाई के ही गार्डनिंग करने का अनोखा तरीका बताएंंगे। यह तरीका हमें बताएंगी गार्डनिंग एक्सपर्ट इला शर्मा। इला शर्मा का कहना है कि अच्छी गार्डनिंग के लिए गुड़ाई करना जरूरी नहीं है।  बिना गुड़ाई के बागवानी(no till gardening) करना एक सही और समय बचाने वाला कॉन्सेप्ट है।

बता दें इला शर्मा करीब 20 साल से गार्डनिंग कर रही है। अपनी छत के तीन फ्लोर पर टेरेस गार्डनिंग कर रही है। अब तक सैकड़ों लोगों को गार्डनिंग सिखा चुकी है। इस लेख में हम उनसे जानेंगे कि बिना गुड़ाई के उनके पौधे कैसे रहते हैं। उन्हें गुड़ाई की जरूरत क्यों नहीं पड़ती, गुड़ाई से बचने के लिए क्या करना चाहिए। 

क्यों नहीं करतीं गमलों में गुड़ाई(Why don’t you weed the pots?)

इला बताती है कि जमीन के नीचे सूक्ष्म जीवों की बड़ी दुनिया होती है। जंगलों में कभी भी गुड़ाई(Weeding) नहीं की जाती हैं उसके बावजूद पौधे बहुत अच्छे से बढ़ते हैं। वहां बरसात का पानी नहीं रुकता है। इसका अर्थ है कि जब हम बार-बार खुदाई या गुड़ाई करते हैं तो मिट्‌टी के अंदर मौजूद जरूरी बैक्टीरिया, केंचुए, सूक्ष्म जीव तक बाधित हो जाते हैं। मिट्टी की गुड़ाई करने से मिट्‌टी के अंदर का जीवन बाधित हो जाता है, जिससे मिट्टी को स्वस्थ बनाने वाली प्राकृतिक प्रक्रियाएं बाधित हो जाती हैं।

अगर हम जल्दी-जल्दी गुड़ाई करते रहेंगे तो सूरज की किरणें सीधे मिट्‌टी में पहुंचेंगी जिससे सूक्ष्म जीव नष्ट हो जाऐंगे। जिससे मिट्‌टी की गुणवत्ता कम होगी। ऐसे में वह कभी गुड़ाई नहीं करती हैं(no till gardening) लेकिन मिट्‌टी को बहुत अलग तरीके से तैयार करती हैं। इसके लिए गमलों की मिट्‌टी को अच्छा, पोरस, जलनिकासी वाली बनाना जरूरी है।

बिना गुड़ाई वाली मिट्‌टी तैयार करने का तरीका(Method of preparing soil without tilling)

इला ने बताया कि अच्छी मिट्‌टी के लिए गार्डन सॉइल लें। लेकिन ध्यान रखें कि मिट्‌टी को 6 से 9 इंच तक की मिट्‌टी लें। क्योंकि इसमें पोष्टिकता की मात्रा अधिक होती है। इला बताती है कि लोगों के पास हरी खाद (green compost), किचिन कम्पोस्ट( kitchen compost), गोबर की खाद, केचुआ खाद (vermicompost), बोनमील जैसी खाद के विकल्प होते हैं। लेकिन हमें इनमें से सिर्फ एक खाद का प्रयोग करना है।

  • एक हिस्सा गार्डन की मिट्‌टी और दूसरा हिस्सा कोई भी खाद लेनी है।
  • दोनों को मिलाकर कम से कम 15 दिन के लिए रखें।
  • गमला भरने के लिए हमें सबसे पहले 2 से 3 इंच लेयर पौधों की पत्तियों को गमले में डालना होगा। 
  • मिट्टी में नीम खली मिलाएं
  • तैयार की गई मिट्‌टी को गमले में डालें।
  • अब इसमें कोई भी पौधा लगा सकते हैं। 

खरपतवार हटाने के लिए क्या करें(What to do to remove weeds)

  • खरपतवार को हटाने के लिए मल्चिंग करें।
  • मल्चिंग के लिए ऑर्गेनिक चीजों का प्रयोग करें।
  • मल्चिंग के लिए पत्तियों की खाद, राइस हस्क, पत्तों का प्रयोग करें।
  • मिट्‌टी को हेल्दी बनाएं।

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