Grow Turmeric: हल्दी में सेहत का खजाना है। पोष्टिकता से भरपूर होती है। भारतीय मसालों की सूची में सबसे आगे है। तो क्यों न इस मसाले को बिना किसी कैमिकल छिड़काव के घर में ही उगाया जाए। जी हां, छत पर सबसे आसान तरीके से हल्दी उगाई जा सकती है। खास बात है कि यह हल्दी उगाने का सही वक्त है। हल्दी के पौधों की अधिक देखरेख भी नहीं करनी होती है। हल्दी अन्य पौधों के लिए भी उपयोगी है।
इस लेख में हम आपको हल्दी उगाने का तरीका बताएंगे। अधिक हल्दी लेने के लिए खाद व देखरेख भी बताएंगे। इस लेख में हल्दी की बुवाई से लेकिर कटाई तक की जानकारी दी जाएगी।
कब बोएं हल्दी(When to sow turmeric)
मई का महीना हल्दी बोने के लिए सबसे सही समय है। गमलों में या खेत में हल्दी बोआई या रोपाई का सबसे उपयुक्त समय 15 मई से 30 मई का होता है। यदि आपने अभी तक हल्दी नहीं बोई है तो 10 जून तक भी इसकी रोपाई की जा सकती है। मानसून से पहले ही हल्दी को बोना होगा। हल्दी की पूरी गांठें बनने में 150 से 200 दिन लग जाते हैं। ऐसे में हल्दी की गांठ बनने के समय तापमान 25-30 डिग्री होना चाहिए।
हल्दी की कौन सी किस्म लगाएं(Which variety of turmeric to plant?)
अगर आप गमलों में बहुत ही कम हल्दी लगाने वाले हैं तो बाजार से मिलने वाली सामान्य गांठ भी गमलों में लगा सकते हैं। लेकिन आप अच्छी पैदावार चाहते हैं तो हल्दी की चार किस्म अच्छी हैं।
1 राजेंद्र सोनिया
- इस किस्म के पौधे छोटे होते हैं।
- 60-80 से. मी. ऊंचाई तक बढ़ते हैं।
- यह पौध 195 से 210 दिन में तैयार हो जाती है।
2. आर.एच. 5:
- इसके पौधे भी राजेंद्र सोनिया से थोड़े बड़े होते हैं।
- 80 से 100 से. मी. तक की ऊंचाई तक बढ़ते हैं।
- यह 210 से 220 दिन में तैयार हो जाती है।
3. आर. एच.9/90:
- इसके पौधे 110-120 से. मी. ऊंचाई के होते हैं।
- इसमें पूरी गांठें 210 से 220 दिन में तैयार हो जाती हैं।
4. आर. एच. 13/90:
- इसके पौधे 110 – 120 से. मी. ऊंचाई के होते हैं।
- इसमें हल्दी तैयार होने में 200 से 210 दिन का समय लगता है।
हल्दी के लिए मिट्टी की करें खास तैयारी(Make special preparation of soil for turmeric)
हल्दी की मिट्टी पर खास ध्यान देने की जरूरत होती है। क्योंकि मिट्टी के अंदर ही हल्दी की गांठें बनती हैं। इसलिए मिट्टी का भूरभुरी और जलनिकासी वाला होना जरूरी है। गांठ लगाने से पहले मिट्टी को बिल्कुल भुरभूरी यानि बारीक कर लें। इसमें मोटे पत्थर या अन्य कोई चीज नहीं होनी चाहिए। मिट्टी एकदम समतल होनी चाहिए। हल्दी के लिए खेत में कई बार हल या कल्टीवेटर से जुताई की जाती है। इसीलिए आप अपने गमलों के लिए भी मिट्टी को उसी तरह तैयार करें।
कैसे करें हल्दी की बुवाई(How to sow turmeric)
जब मिट्टी अच्छी तरह से तैयार हो जाए तो इसमें हल्छी की गांठों को बोना चाहिए। मिट्टी में 5 से 7 सेमी नीचे तक हल्दी की गांठों को दवांए व ऊपर से मिट्टी से ढक दें। हल्दी के बीज से बीज की दूरी 20-25 सेमी होनी चाहिए। 10 से 12 इंच के गमले में सिर्फ दो ही पौध लगाएं। इससे ज्यादा न लगाएं।
कीट नियंत्रण करें(control pests)
हल्दी पर कई बार पेस्ट अटैक हो जाता है। ऐसे में संरक्षण जरूरी है। हल्दी पर छोटे लाल, काला रंग के कीड़े पत्तियों पर अटैक करते हैं। पत्तियों के रस को चूसते है। साथ ही पत्तियों को मोड़कर पाईपनुमा बना देते है। ऐसे में समय-समय पर नीम ऑइल स्प्रे का छिड़काव करते हैं। पहचान करें कि कहीं पत्ते बीच से पीले या सूख तो नहीं रहे हैं। अगर पत्तों पर धब्बे भी नजर आ रहे हैं तो कीटनाशक का छिड़काव करें।
कब करें खुदाई(When to remove turmeric from soil)
तकरीबन छह महीने बाद हल्दी की पौध के पत्ते सूखने लगते हैं। तभी हमें समझ लेना चाहिए कि यह हल्दी की खुदाई करने का सबसे सही वक्त है। जब पत्ते पीले पड़ जाएं तो हल्दी निकाल लें। अगर बीज के लिए हल्दी तैयार करनी है तो पौधे के बिल्कुल सूखने के बाद हल्दी निकालें।