Phalsa: बेशक गर्मी का मौसम हर किसी को परेशान करता है। लेकिन इस मौसम में आपको कूल करने के लिए प्रकृति ने हमें कई फल(fruits) दिए हैं। जिनमें एक चमत्कारी फल भी है। जिसका नाम है फालसा(PHALSA)। फालसा को ईग्लिश में ग्रेविआ एशियाटिका (Grewia Asiatica) कहा जाता है। फालसा एक छोटा, गहरे बैंगनी रंग का फल होता है। फालसा गर्मियों में लू से बचाता है। फालसे का रस शरीर के लिए इम्यूनिटी बूस्टर, टॉनिक है।
इस लेख में हम जानेंगे कि किस तरह इस पौधे को गमले में लगाया जा सकता है। फालसा खाने के फायदे क्या है। फालसा के पौधे को बीज व कलम से कैसे लगाएं। फालसा के पौधे की देखभाल कैसे करें।
फालसा खाने के फायदे(Benefits of eating Phalsa)
फालसा विटामिन सी, ए, और पोटेशियम का अच्छा स्रोत है। इसके साथ ही फाइबर, आयरन, और कैल्शियम की अच्छी मात्रा होती है।इसमें कई एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो शरीर को मुक्त कणों से होने वाले नुकसान से बचाते हैं। शरीर के हर एक अंग को फायदा पहुंचाता है। इस रस शरीर को ठंडक देने के साथ ही पाचन तंत्र काे दुरुस्त करता है, कॉलेस्ट्रॉल कम करता है, हडि्डयों के दर्द में राहत देता है।
- फालसा गर्मियों में लू से बचाता है। तथा फालसे का रस शरीर के लिए टॉनिक का काम करता है।
- फालसा में फाइबर की अच्छी मात्रा होती है। जिसकी वजह से यह पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
- यह कब्ज से राहत दिलाने का काम करता है।
- फालसा में विटामिन सी की अच्छी मात्रा होती है जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं।
- फालसा ब्लड शुगर को कन्ट्रोल करता है। रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है।
- फालसे में मौजूद विटामिन सी की मात्रा त्वचा की चमक काे बढ़ाती है।
- फालसा में कैलोरी की मात्रा कम होती है। फाइबर अधिक होता है। यह वजन घटाने में मदद करता है।
- फालसा में ग्लाइसेमिक इंडेक्स नहीं होता है। डायबिटीज के रोगियों के लिए फायदेमंद है।
- फालसा पेशाब में जलन से राहत दिलाने में मदद करते हैं।
क्या गमले में उगा सकते हैं फालसा(Can Phalsa be grown in a pot?)
फालसा का फल बहुत ज्यादा देर तक नहीं रह पाता है। कुछ ही घंटे ताजा रहता है। जिसकी वजह से ज्यादा बड़े स्तर पर इसकी खेती नहीं की जाती है। हालांकि गमले में इसे लगाया जा सकता है। यह काफी छोटा और झाड़ीनुमा फल का पौधा है। आसानी से घर में लगाया जा सकता है। ताकि आप इस पौधे से ताजी-ताजी फालसा का सेवन कर सकें। बता दें फालसा की खेती देश में पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान में होती है । इसका पौधा बौना एवं झाड़ीनुमा होता है। इसमें फलन जल्दी एवं नियमित रूप से होने के कारण इसको दूसरे फलों के बाग में पूरक फसल के रूप में भी उगाकर अतिरिक्त आमदनी प्राप्त की जा सकती है।
NOTE:वीडियो में देखें गमले में उगाया हुआ फालसा का पौधा
गमले में फालसा उगाने की विधि(Method of growing Phalsa in pot)
गमले में बीज या कटिंग के माध्यम से फालसा का पौधा लगाया जा सकता है। फालसे को बोने का सबसे सही समय जुलाई से अगस्त का महीना होता है। इसके साथ ही आप इसे फरवरी-मार्च में भी लगा सकते हैं।
बीज से फालसा उगाने का तरीका(Method of growing Phalsa from seeds)
- पके हुए फालसे का फल लें और उसके अंदर से बीज निकालें।
- बीज को धोकर साफ कर लें व सुखा लें।
- जल निकासी वाली भुरभुरी मिट्टी एक गमले या सीडलिंग ट्रे लें। में भरें।
- फालसे के बीजों को 1 इंच गहराई में बोएं। और मिट्टी से ढक दें।
- बीजों के अंकुरित होने तक मिट्टी को नम रखें। अधिक पानी न दें।
- गमले को करीब 6 घंटे धूप मिलने वाली जगह पर रखें।
- 2-3 सप्ताह में बीज अंकुरित हो जाएंगे।
- अंकुरित होते ही जैसे ही फालसा का पौधा बड़ा हो उसे बड़े गमलों में स्थानांतरित करें।
कलम से फालसा लगाने का तरीका(Method of planting phalsa from cuttings)
इस पौधे को कलम से भी उगया जा सकता है। लेकिन यह पौधा आसानी से लोगों के घरों पर नहीं मिलता है। नर्सरी में भी यह पौधा कम देखने को मिलता है। जब भी इसका पौधा मिले तो एक स्वस्थ पौधे की स्वस्थ कलम छांटे। इसे तिरछी काटें। जुलाई से अगस्त के महीने में इसकी कलम को जलनिकासी वाली मिट्टी में बो दें। साल में तीन से चार बार पौधे में खाद डालें। जल्द ही पौधा बड़ा होगा।
कितने दिनों में लगता है फल (How many days phalasa take for fruits to appear?)
मई की शुरुआत में इस पर लगा फल पकने लगता है। जून के पहले सप्ताह तक इस फल की तुड़ाई की जाती है। इस पर लगे पके हुए फल ही तोड़ें। क्योंकि कच्चे फल पोधे से अलग होने के बाद नहीं पकते। इस फल की शेल्फ लाइफ बेहद कम होती है। सुबह तोड़ा हुआ फल शाम तक सूख जाता है या खराब हो जाता है। यह बेहद स्वादिष्ट फल है। घर में जरूर लगाएं।
ध्यान देने योग्य बातें
- साल में तीन बार पौधे को गोबर की खाद या एनपीके दें।
- पानी की मात्रा अधिक दें।
- इसकी समय पर कटाई छटाई जरूरी है।
- इसकी नई शाखाओं पर ही फल लगता है इसलिए इसकी छटाई जरूर करें।
- इसपर मई के अंत और जून तक ही लगने वाला फल आता है।
- कटिंग या बीज से बोए पौधे पर फल आने में 3 साल लगते हैं।
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