घर की छत पर पद्मिनी ने बनाया foliage का जंगल, अद्भुत वाटर प्लांट्स, किचिन व फ्रूट गार्डन
Biodiversity Garden: गुरुग्राम की गगनचुंबी इमारतों के बीच क्या आप ऐसी इमारत के बारे में आप सोच सकते हैं जो हर भरे पत्तों व रंगीन फूलों वाले पौधों से भरी हुई है। चारों ओर पानी में तैरते पौधे नजर आ रहे हैं (water plants)। तोरई, मिर्च, टमाटर, कद्दू, बैंगन पौधों पर लदे हुए हैं। ऐसे पौधे जिनपर पत्तों से ज्यादा आम, अनार, चीकू, फालसा, ड्रेगन फ्रूट, तरबूज, शरीफा, आडू, निंबू, अंगूर जैसे फल लगे हुए हैं। आपके लिए गुरुग्राम जैसे शहर में यह सोचना थोड़ा मुश्किल हो सकता है लेकिन यही की एक महिला ने ऐसा कर दिखाया है।
पद्मिनी पांडे अपने घर की छत पर ही बागवानी कर रही हैं। पद्मिनी पांडे के प्रयासों से उनके घर की छत किसी बायो डायवर्सिटी पार्क (biodiversity park) से कम नहीं लगती है।
कम पड़ी जगह तो पौधों के लिए बनाए तीन लेवल(three levels for plants)
पद्मिनी पांडे ने बताया कि उन्हें बागवानी का शौक बचपन से था। लेकिन 2017 से उन्हें असली बागवानी की शुरूआत की। 2 पौधों से तकरीबन दो हजार पौधे अब उनकी छत पर हैं। पद्मिनी कहती हैं ” शुरूआत में पौधे कम थे तो एक ही छत पर काम हो रहा था। लेकिन शौक बढ़ता गया और कब मेरे पौधे की संख्या हजारों में बदली, पता ही नहीं चला। पहले तो जगह बनती चली गई, लेकिन जैसे ही संख्या ज्यादा बढ़ी तो मुझे दो और लेवल बनाने पड़े। ये सिर्फ पौधों के लिए ही हैं।”
हर सीजन में लगी रहती हैं सब्जियां(Vegetables are available in every season)
पद्मिनी पांडे अपनी छत पर हर मौसमी सब्जी लगाती हैं। उनकी छत पर हमेशा सब्जी रहती हैं। उन्हें ज्यादातर सब्जियां खरीदने की जरूरत नहीं पड़ती है। फिलहाल उनकी छत पर लॉकी, तोरई, बैंगन, कद्दू, भिंडी आदि लगी हुई है। सर्दियों में वे अपने गार्डन में मटर, गोभी, पत्ता गोभी, टमाटर, मिर्च आदि मौसमी सब्जियां उगाती हैं। उनकी छत पर लगी ढ़ेरों सब्जियां लोगों को हैरान करती हैं।
छत पर 30 से ज्यादा वैरायटी के फलों के पौधे(More than 30 varieties of fruit plants on the terrace)
जहां लोगों को फलों की बागवानी करने में डर लगता है। वहीं पद्मिनी पांडे का कहना हे कि अगर आपके पास खाली छत है, व्यस्त जीवनशैली है, लेकिन गार्डनिंग का शौक है तो फलों के पौधे लगाइए और भूल जाइए। समयानुसार पानी देते रहिए बस। पद्मिनी पांडे की छत पर 30 से ज्यादा वैरायटी के फल लगे हुए हैं। अनार से लेकर शरीफा तक, पपीता से लेकर आम तक ऐसा कोई फल नहीं है जो इनकी छत पर न हो। इनकी छत पर हर वक्त फल लगे रहते हैं।
पौधे के समूह में रखती हैं वाटर प्लांट(Water plants are kept in the plant group)
पद्मिनी का कहना है कि मुझे हर तरीके के पौधों का शौक है। जिसमें वाटर प्लांट भी शामिल हैं। लेकिन मैं सिर्फ इनकी खूबसूरती के लिए ही इन्हें नहीं लगाती बल्कि ये कई काम आते हैं। इन्हें पौधों के समूहों के बीच में रखा गया है। इस दौरान ये
- गार्डन की शोभा बढ़ाते हैं।
- गर्मी में पौधों के बीच में रहने की वजह से नमी बढ़ाते हैं।
- पानी की कमी की अवस्था में कुछ मात्रा पानी की उपलब्ध कराते हैं।
छत पर आते हैं मोर व अन्य पक्षी(Peacocks and other birds come to the terrace)
पद्मिनी पांडे की छत की खूबसूरती सिर्फ पौधों से ही नहीं बल्कि पक्षियों की चहचहाहट से भी बनती है। उनकी छत पर इन पौधों के बीच में पक्षी भी अपना आसियानां बनाते हैं। यहां तक कि गुरुग्राम जैसे शहर में मोर भी सामान्यत: उनकी छत पर आते हैं। हर वक्त चिड़िया उनके गार्डन में चहचहाती हैं। उन्हें कोई भी आर्टिफिशियल घोंसला खरीदने की जरूरत नहीं पड़ी है। फलों के पौधों के बीच में चिड़िया अपना घर बनाती हैं। पक्षियों को इनके गार्डन से ही प्राकृतिक भोजन यानि फल, बीज, कीट आदि खाने को मिलते हैं।
गार्डनिंग के प्रति लोगों को करती हैं जागरूक(Makes people aware about gardening)
पद्मिनी प्रकृति प्रेमी होने के साथ ही लोगों को प्रकृति बचाव के प्रति जागरूक करती हैं। वह लोगों को कम जगह में गार्डन बनाने के लिए प्रेरित करती है। गार्डन में 3R यानि reduce, reuse and recycling के तरीके बताती हैं। वह कम पानी में सफल गार्डनिंग करती हैं। जिन लोगों को सैपलिंग बनाने में दिक्कत होती है वह लोगों को फ्री में बांटती हैं ताकि किसी भी तरीके से लोग गार्डनिंग करें।
वीडियो में देखें गार्डन की खूबसूरती
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