Leaves Turn Yellow: गार्डन में पौधाें की पत्तियों का पीला होना आम समस्या है। लेकिन यह गंभीर चेतवानी है जो पौधों द्वारा दी जा रही है। पत्तियों का पीला होना पौधों का एक बड़ा संदेश है कि वे मृत्यु के नजदीक हैं। पीली पत्तियों का हाेना उनकी तरफ से एक इशारा है जब उस पौधे को गंभीर रूप से देखने की जरूरत है।
हालांकि बहुत लोगों का यह मानना है कि पत्ती पीली हो रही है तो इसका मतलब है कि यह पत्ती बूढ़ी हो चुकी थी। इसलिए पौधा इसे त्याग रहा है। लेकिन हर बार ऐसा नहीं है। आपको पौधों की पुकार को सुनना होगा।इस लेख में हम आपको पत्तियों के पीले होने का कारण बताएंगे। इसके साथ ही इसके समाधान भी बताएंगे ताकि पौधों को मरने से बचाया जा सके।
क्यों पीली हो जाती है पौधों की पत्तियां(Leaves Turn Yellow)
पत्तियों के पीले होने के कई कारण है। लेकिन उससे पहले हमें क्लोरिफल को समझने की जरूरत है। क्लोरोफिल पौधों में हरे रंग के लिए जिम्मेदार होता है। क्लोरोफिल एक रासायनिक अणु है जो प्रोटीनयुक्त है। जिसके केंद्र में मैग्नीशियम परमाणु होता है जो नाइट्रोजन से घिरा है। पौधे में क्लोरोफिल की कमी होते ही पत्तियां रंग बदलना शुरू कर देती हैंं। पौधों की पत्तियों के पीछे कई कारण हो सकते हैं।
इन कारणों में करेंगे विचार (Will consider these reasons)
- पानी की अधिकता
- पानी की कमी
- पोष्टिक तत्वों की कमी
- मिट्टी का पीएच बिगड़ना
पानी की अधिकता (overwatering)
पौधों के जीवन में पानी का विशेष महत्व है। लेकिन कई बार अज्ञानता के चलते लोग हर वक्त पौधों में पानी देना ही सबसे सही समझते हैं। उन्हें लगता है कि पानी देते रहने से उनका गार्डन हरा भरा रहेगा। लेकिन ऐसा नहीं है। पानी की अधिकता की वजह से 70 फीसदी पौधे मर जाते हैं। सामान्य शब्दों में समझें तो ज्यादा पानी देने की वजह से जड़ें गलने लगती है। हर वक्त मिट्टी के गीला रहने की वजह से जड़ें सांस नहीं ले पाती। पौधे तक जरूरी पोष्टिकता को पहुंचाने में असमर्थ होती हे। परिणामस्वरूप पत्तियां पीला होना शुरू कर देती है। जेड प्लांट और अपराजिता प्लांट की पत्तियों की पीली होने की समस्या सबसे अधिक आती है ।
पानी की कमी (less watering)
पानी की कमी की वजह से भी पत्तियां पीली होना शुरू कर देती है। अगर आप पौधों में पानी नहीं डालते हैं तो जड़ों के राेम खत्म होना शुरू हो जाते हैं। नमी नहीं मिलने पर वह मिट्टी से पोष्टिकता को पौधे तक नहीं पहुंचा पाते हैं। हालांकि पानी की कमी की समस्या को समय रहते पहचान लिया जाए ताे पौधा फिर से जिंदा हो सकता है। वहीं अगर पानी अधिक दिया गया है, जड़ें गल गई है तो यह काफी मुश्किल हो सकता है।
पोष्टिक तत्वों की कमी (deficiency of nutrients)
पौधों के जीवन जीने का आधार पोष्टिक तत्व हैं। सामान्य तौर पर पौधों को कम से कम नाइट्रोजन, फास्फोरस और पॉटेशियम की जरूरत तो होती ही है। आप ध्यान रखें कि नर्सरी से जब भी पौधा लाते हैं तो वह बिल्कुल हरा भरा होता है। क्योंकि उसे वहां पोष्टिक तत्व दिए जा रहे थे। उसके विकास पर ध्यान दिया जा रहा था। लेकिन आप घर पर पौधा लाते ही उसकी चिंता छोड़ देते हैं। इस स्थिति में आप पोष्टिक तत्वों की कमी को पूरा करें। आप एनपीके(NPK) पौधों में डाल सकते हैं। नाइट्रोजन और मैग्नीशियम की कमी को पूरा करने के लिए गोबर की खाद, चाय पत्ती, किचिन कम्पोस्ट का प्रयोग करें।
कैसे पहचानें किस पौष्टिक तत्व की कमी(How to identify which nutritional element is lacking?)
- नाइट्रोजन की कमी होने पर सबसे पहले तने के नजदीक वाली पत्तियां पीला होना शुरु करती हैं।
- सल्फर की कमी होने पर पौधे की नई पत्तियों पर प्रभाव पड़ता है। पहले नई पत्तियां पीली होती हैं।
- पॉटेशियम की कमी होने पर पत्ते के किनारे पीले होते हैं। बीच में पत्ता हरा ही रहता है।
- मैग्नीशियम की कमी होने पर पत्ते के बीच का हिस्सा पहले पीला होना शुरू होता है।
- आयरन की कमी होने पर पौधे की सबसे ऊची पत्तियों से पीलापन शुरू होता है।
मिट्टी का पीएच बिगड़ना (deteriorating soil pH)
अगर आप गार्डनिंग करना चाहते हैं तो आपको मिट्टी के पीएच को समझना होगा। पीएच बिगड़ने पर पौधे का जीवित रहना मुश्किल हो जाता है। क्योंकि इस स्थित में आप चाहे आप कितनी भी खाद पौधों को दें, लेकिन पौधा इस पोष्टिकता को नहीं ले पाता और पत्तियां पीली होती है। पौधा मर जाता है।
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